tag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post3949181289924289073..comments2023-07-05T03:34:17.859-07:00Comments on सत्यार्थ-प्रकाश: प्रथम संदेशसौरभ आत्रेयhttp://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-81438615787473579592010-01-04T13:16:51.706-08:002010-01-04T13:16:51.706-08:00Dear Mehul,
It's always better to be a guru a...Dear Mehul,<br /><br />It's always better to be a guru at least in one technology & then after that u can learn more. Php + MySql Server is nice combination for open source projects. Anyway I'm working in .NET + SQL Server but currently Java + oracle is the best choice. I told you as a Web- middle layer developer if u r more interested on front end client side then go to JavaScript + Some design tool like Flash, Photoshop etc. It totally depends on you in which layer how much u r interested. Anyway it doesn't matter to choose any technology matter only you should be a guru in whatever you choose.<br />Regards,<br />~S~सौरभ आत्रेयhttps://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-41043655203066154182010-01-04T13:02:11.804-08:002010-01-04T13:02:11.804-08:00सौरभ जी आज मुझे आपका ब्लॉग मिल्ला काफ्फी अच्छ...सौरभ जी आज मुझे आपका ब्लॉग मिल्ला काफ्फी अच्छा लगा पड़कर . वैसे मैंरा एक सवाल है, कि मैं छात्र(IT) हु और मुझे ये पूछना है की <br /><br />अभी इस समय web देव्लोपेर के लिए कोंसी technology शिखने मैं मुझे आगे चलकर फय्द्दा होगा <br /><br />मैं अभी php , xhtml मैं प्रोजेक्ट बनता हु as प्रक्टिस .मेहुलnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-80242404923775764202008-04-27T00:20:00.000-07:002008-04-27T00:20:00.000-07:00महोदय मैं कुछ समझ नहीं पाया बेहतर होगा कि आप मुझे ...महोदय मैं कुछ समझ नहीं पाया बेहतर होगा कि आप मुझे फिर बताएं।सारंग उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/17795587397011357768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-79477250602307443242008-04-24T06:20:00.000-07:002008-04-24T06:20:00.000-07:00पंकज जी ये किस बात पर बहस कर रहे हैं आप मुझसे। राज...पंकज जी ये किस बात पर बहस कर रहे हैं आप मुझसे। राजपाट तो घर की बहू ही सम्भालती है। राहुल सांकृत्यान का गंगा से वोल्का पढिये। आपकी संस्कृति ने गोधरा में क्या किया ये दुनिया जानती है। संस्कृति के चार अध्याय रामधारी सिंह दिनकर और आज आपकी भारतीय संस्कृति की कहानी प्रभाष जी की हिन्दू होने का धर्म में पढिये। बहरहाल,आप जिस संस्कृति की बात कर रहे हैं उसमें सोनिया ही नहीं बल्िक दुनिया की पूरी की पूरी सभ्यताएं ही समा गई हैं। और फिर ये बताइए महोदय बिन माइग्रेट हुए तो दुनिया की न तो कोई संस्कृति बन सकती है और न ही कोई सभ्यता पनप सकती है। इतिहास यदि आपने पढा हो तो। ये देखिये आप क्या कह रहे हैं। क्या उसने एक क्रिश्चियन हो कर वो ४० साल में पा लिया जो हमने अपने जन्म से पूर्वजो के सहस्रों वर्षों से इस भूमि पर प्राप्त किया है जबकि अगर तुमने बाइबल पढी हो तो तुम्हे शायद अंदाजा होगा की हम क्या हैं और ये क्यां हैं। <BR/>महोदय आप मुझसे राजनीतिक बहस कर रहे हैं या फिर क्रिश्चन और सनातन संस्कृति के बारे में अंतर कर रहे हैं। मैं तो खुद स्वीकार करता हूं हम भारतीय काफी समृध्द हैं पर हम किसी से नफरत नहीं करते हैं दोस्त। अपनाना तो हमारी फितरत में हैं। तुम्हीं कह रहे कि दुनिया को हमने कुटुम्ब माना है तो फिर सोनिया से नफरत क्यों। बहरहाल आगे बहस जारी रहेगी। फिलहाल समय कम है चलता हूं1सारंग उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/17795587397011357768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-81581842791971835062008-04-20T17:39:00.000-07:002008-04-20T17:39:00.000-07:00अरे सोनू जी गलती से मैंने आपका नाम पंकज जी लिख दिय...अरे सोनू जी गलती से मैंने आपका नाम पंकज जी लिख दिया । सॉरीसौरभ आत्रेयhttps://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-44561639486621904142008-04-19T12:33:00.000-07:002008-04-19T12:33:00.000-07:00पंकज जी लिंक जोड़ने के लिये ब्लॉग को अनुकूलित करे...पंकज जी लिंक जोड़ने के लिये ब्लॉग को अनुकूलित करें पर क्लिक करें और मेरे पसंदीदा लिंक पर क्लिक करें यहाँ पर आप अपने अन्य लिंक्स जोड़ सकते हैं अगर नहीं कर पाए तो मेरे को बताएं मैं आपको फ़िर से डिटेल बताऊंगा।<BR/><BR/>शुभ कामनाओं सहित <BR/><BR/>सौरभ आत्रेयसौरभ आत्रेयhttps://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-19695942536880817582008-04-19T12:19:00.000-07:002008-04-19T12:19:00.000-07:00पंकज जी लगता है आप बड़े ही भोले हैं। पहले जो भी यह...पंकज जी लगता है आप बड़े ही भोले हैं। पहले जो भी यहाँ लिख रहा हूँ उसको पर्सनल मत लेना। मेरे को एक बात बताओ की साक्षात् को प्रमाण की आवश्यकता नही होती क्यों प्रवासी भारतीयों का मन भारत में बसता है जबकि केवल भारतीय फ़िर भी इस विश्व को एक कुटुंब के समान मानते हैं क्युकी वो उनकी जन्मभूमि है और उनकी संस्कृति की जड़े भी वहीं हैं ये भी सिर्फ़ एक भारतीय ही एसे होते हैं जो फ़िर भी जहाँ रहते वहाँ का भी भला सोचते हैं क्युकी वो उनके धर्म और संस्कृति में है समस्त मानव कल्याण के बारे में सोचना। मुझे सम्पूर्ण विश्व में एक उदाहरण बता दो की कोनसी ऐसी धरा है जो इतना खुल कर और ऊपर उठकर सोचती है मैं ज्यादा नही लकिन विश्व के कुछ देशो में गया ही हूँ और यू एस जो की एक इमिग्रेंट देश है और यहाँ विश्व के अधिकतर देशो के सभी लोगो से मुलाकात हो जाती है इस तरह की महान सोच कही तुम्हे और नही मिलेगी तो तुम ये तो नही कह सकते ये हमारी संकीर्ण सोच है अगर हम सोनिया को विदेशी कहते हैं। ये प्रश्न है मानव कल्याण का जो एक भारतीय संस्कृति वाला ही सोच सकता है और दूसरी संस्कृति के लोग इसको नही समझ सकते। अगर हम बात सोनिया की करे तो क्या उसने एक क्रिश्चियन हो कर वो ४० साल में पा लिया जो हमने अपने जन्म से पूर्वजो के सहस्रों वर्षों से इस भूमि पर प्राप्त किया है जबकि अगर तुमने बाइबल पढी हो तो तुम्हे शायद अंदाजा होगा की हम क्या हैं और ये क्यां हैं। दूसरा राजीव पहले क्रिश्चियन बना था और उस का नाम रॉबर्ट रखा गया था जब उसने ये शादी की थी और क्रिश्चियन रीती रिवाजों से की न की हिंदू रीती रिवाजों तीसरा सोनिया एक राजीव की बीवी होने से इस देश की मालकिन होने की हकदार हो गई जबकि उसे इस देश की राजनीती, संस्कृति , धर्म आदि का कुछ भी ज्ञान नहीं और ये सरकार हमें कहा लेकर जा रही है जरा ये लेख पढो(http://saurabhtyagi13.googlepages.com/खाद्यअसुरक्षाकाआयात) और भी इतने सारे कुकर्म हैं इनके जिनको यहाँ पर बयानकरना मुश्किल होगा और अमेरिका का मोह क्या पहले से बहुत ज्यादा नहीं दिखता तुम्हे. क्या तुम लोगो की तुम्हे आत्मा नही धिक्कारती की एक विदेशी महिला जो यहाँ शादी करके आई उसको देश का राजपाट सोंप दिया क्या १०० करोड़ भारतीयों में एक भी नहीं है जो अपने देश का राज संभाल सके हम्हें पता हैं ब्रिटिश और अमेरिकन कितने हँसते हैं और हमारा मजाक उडाते हैं इस बात को लेकर और है भी ये अजीब और मजाक उडाने लायक पता नही किस तंद्रा में है ये देश की सोनिया में इतनी योग्यता देखती है। ये इस देश की अपने इतिहास में सबसे शर्मनाक घटना है कोई छोटी बात नही है। और इतिहास वर्तमान भविष्य कुछ नही है ये ले मेन की तरह नहीं एक गहन चिंतन के द्वारा समझा जा सकता है और फ़िर तुम समय सूखने की बात क्यों करते हो क्यूंकि समय तो वास्तव में कुछ नही है । सोनिया इटली क्यों जाएँगी भाई जब इतने बड़े राष्ट्र पर राज करने का मोका मिल रहा है। तुम्हे सोनिया पर इतना अटूट विश्वास क्यों हैं जबकि अपने देशवासियों पर नहीं। भारतीय दर्शन में मन को कल्पना नहीं मन के द्वारा कल्पना और विचार बताये गएँ हैं जरा गीता, वेद,विवेकचुडामणि, सत्यार्थ प्रकाश, तत्वा-बोध आदि किताबे पढो। बुरा नहीं मानना तुम्हारे अनुसार कोई अगर कोई तुम्हारा घर कब्जाले और तुमारे घर को वो रेप्रिजेंट करने लगे तो तुम्हें ये सोच कर शांत रहना चाहिए की समय का समय या समय की मांग है और विरोध करने पर उस कब्जे वाले के साथी यहीं कहेंगे की क्या बार-बार वो घिसी-पिटी बातें ले कर बैठ जाते हो और तुम्हे कोई तर्क भी नही देंगे क्युकी कोई तर्क है नही। खैर कमाल है और धन्य है ये आज का देश जो कायरता को प्राप्त हो कर के तर्क-संगत और वीरता की बातों को घिसी-पिटी बातें कहता है। तभी पिछले कुछ सहस्रों वर्षो से लगातार हार की त्रासदी झेल रहा है। और अपने इतिहास से सीख लेने की बजाये मोंन बैठा हुआ है। जब भी मैं इस तरह की बातें भारतीयों के मुहं से सुनता हूँ तो अन्दर से एक ही आवाज़ निकलती है की हे इश्वर इस राष्ट्र को बचाले क्योँ इस राष्ट्र के लोग विदेशियों से इतना मोह करने लगे जबकि वो ख़ुद इतने सामर्थ्यवान हैं इस जगत को मानव कल्याण का सबक पढ़ा सकते हैं ।सौरभ आत्रेयhttps://www.blogger.com/profile/05755493100532160245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-86129095242091886212008-04-19T07:39:00.000-07:002008-04-19T07:39:00.000-07:00बहरहाल, पंकज मुकाती के उस लेख पर आपकी टिप्पणी पर ...बहरहाल, पंकज मुकाती के उस लेख पर आपकी टिप्पणी पर आपसे कुछ बात करने की इच्छा है आपने लिखा है कि सोनिया विदेशी है और उनका दिल जो है वह पूरी तरह से अपने देश को ही समपर्ति है। आपने इसके लिए चंद्रगुप्त और चाणक्या के एतिहासिक संदर्भ भी सामने लाएं हैं। सौरभी गुस्ताखी माफ हो एक ले मेन की तरह सोचिए और बडे मानवीय सपाट दिमाग को सामने लाइए। समय केवल वर्तमान इतिहास और भविष्य महज कोरी कल्पना मात्र है। ये बात आपको गीता में श्रीकृष्ण बहुत बेहतर समझा सकते है। खैर, अभी फिलहाल सोनिया देश की सत्ताधारी पार्टी की सबसे अहम आदमी हैं मतलब कि अध्यक्षा हैं उन्हें भारत आए तकरीबन 40 साल से उपर हो गए हैं। वे साडी पहनती हैं और हिन्दी सीख रहीं हैं। उनका पूरा आचार व्यवहार एक भौगोलिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में रच बस चुका है। मानवीय मन जो कि स्िथर नहीं है उसके बारे में सोचना छोड दें। समय अपने आप में इतना सूख गया है कि उसमें चंद्रगुप्त जैसे भावभीनें और गीले उदारहण सूखे नजर आएंगे। कहने का मतलब सीधा है फिलहाल न तो सोनिया इटली जाएंगी और न ही वे भारत को इटली का गुलाम बनाने की नीतियां या षडयंत्र रचा बसा रही होंगी। वे देश में हैं एक घराने की हिंदू रीतिरिवाजों से ब्याही गई बहू है और भारत में रह रही हैं। और काम कर रही हैं। देश का दूनिया में रिप्रेसेन्ट कर रही हैं यही सत्य है। इस समय का समय है। बाकि जो बातें आप कर रहे हैं वे एक घिसी पीटी बातें हैं जो शायद कई लोग रख चुके हैं। सोनिया भी वहीं और इटली भी वही हैं। टू बी वैरी फ्रेंक भारतीय दर्शन में तो अंत में मन को कल्पना ही बताया गया है। जहां मन नहीं वहां लगाव कैसा। खैर बात ज्यादा सुपरफिशियल हो गई है। पर जो सारी चीजें भाव में ही शुरू होती हैं। और विचार की अंतिम परिणित में एक आकार लेने की अभिव्यक्ति में सिमट सिमट कर खत्म हो जाती है। बहरहाल मौका मिला तो ज्यादा भावगत बातें डिटेल में होंगी।सारंग उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/17795587397011357768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-20239179330154289842008-04-19T07:20:00.000-07:002008-04-19T07:20:00.000-07:00सौरभ जी अच्छा लगा कि आप बाहर रहकर सत्यार्थ प्रका...सौरभ जी अच्छा लगा कि आप बाहर रहकर सत्यार्थ प्रकाश जैसी अनमोल धरोहरों का अध्ययन कर रहे हैं। वैसे आप पैसे से तकनीकी महकमें मे कार्यरत हैं जो भी अपनी समस्या रही आपको जरूर बताउंगा। वैसे मेरा एक सवाल है कि मैं अपने ब्लॉग पर साइड में ढेर सारे दूसरे ब्लॉग के लिंक भी देना चाहता हूं मैं यह कार्य कैसे कर सकता हूं।सारंग उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/17795587397011357768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-79719650415898713412008-04-18T22:53:00.000-07:002008-04-18T22:53:00.000-07:00सौरभ जी जबाब देने के लिये धन्यवाद -आपकी मदद से सम...सौरभ जी जबाब देने के लिये धन्यवाद -<BR/>आपकी मदद से समस्या का सामाधान हो गया है फोल्डर आप्शन जीरो करके ।<BR/>फिर से धन्यवादहरिमोहन सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14190997410330717046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-89202215165227552062008-04-16T22:15:00.000-07:002008-04-16T22:15:00.000-07:00सौरभ जी जबाब देने के लिये धन्यवाद -क्लासिक और के...सौरभ जी जबाब देने के लिये धन्यवाद -<BR/>क्लासिक और केटेगरी वियु दोनो में देख लिया है फोल्डर आप्शन नही मिला ।हरिमोहन सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14190997410330717046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8746521733415134281.post-40574715136856418342008-04-15T05:51:00.000-07:002008-04-15T05:51:00.000-07:00सौरभ जी जानकर बडा अच्छा लगा । मेरी एक समस्या है ...सौरभ जी जानकर बडा अच्छा लगा । मेरी एक समस्या है तकनीकी या सामान्य ये तो मुझे पता नहीं । समस्या से है कि मेरे कन्ट़ोल पैनल से फोल्टर आप्शन गायब हो गया है इसे वापस कैसे पाया जायें । मेरे पास विन्डोज एक्सपी हैहरिमोहन सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14190997410330717046noreply@blogger.com